Tissue in hindi/Meristermatic/पादप उत्तक/विभज्योतकी/स्थायी उत्तकऔर इसके भाग
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what is tissue / plant tissue / Meristermatic tissue/permanent tissue / उत्तक क्या है / पादप उत्तक/ विभज्योतकी उत्तक/ स्थायी उत्तक और इसके भाग

What is tissue / उत्तक क्या है ?

➤ उत्तक कोशिकाओं का वह समूह होता है । जिसमे कोशिकाओं की संरचना तथा कार्य एक समान होते है ।

➤ इसके अध्ययन को उत्तक विज्ञान ( tissue science ) या औतिकी ( Histology ) कहते है ।

➤औतिकी ( histology ) की स्थापना मार्सेलो मेल्पीघि ने की परन्तु हिस्टोलॉजी का नाम इसे मेयर ने दिया था

उत्तक मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है पादप ऊत्तक/ plant tissue और जंतु उत्तक/animal tissue इस लेख मे हम पादप उत्तक के बारे मे पड़ेंगे ।

पादप उत्तक/plant tissue in hindi

➤पौधों मैं कोशिका का निर्माण निश्चित स्थानों पर होता है ।

➤पौधे के इन स्थानों पर होने वाले कोशिका विभाजन के फलस्वरूप विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं का निर्माण होता है । जो विभिन्न प्रकार के उत्तको का निर्माण करती है ।

पादप उत्तक के प्रकार / type of plant tissue in hindi

1.विभज्योतकी उत्तक / Meristermatic tissue

2.स्थायी उत्तक / permanent tissue

विभज्योतिकी उत्तक / Meristermatic tissue in hindi

Tissue in hindi

यह उत्तक( Tissue) ऐसी कोशिकाओं का समूह होता है जिनमे सूत्री विभाजन करने की क्षमता होती है यह तीन प्रकार के होते है ।

1.शीर्षस्थ विभज्योतक / Apical meristem

2.पार्श्व विभज्योतक/Lateral meristem

3.अन्तर्वेशी विभज्योतक/intercalary meristem

शीर्षस्थ विभज्या (Apical meristem)

➤ ये जड़ तथा तनों के शीर्ष भाग पर तथा पत्तियों के अगों (apices) पर पाया जाता है। इन्हें को वृद्धि बिन्दु (growing points) भी कहते हैं। निरन्तर विभाजन के फलस्वरूप जड़ व तने लम्बाई में बढ़ते हैं।

➤ इसके तीन क्षेत्र होते हैं,

जिन्हें क्रमशः त्वचाजन (Dermatogen), वल्कुटजन (Periblem) तथा रम्भजन (Plerom) कहते हैं।

पार्श्व विभज्या (Lateral meristem)

➤ यह जड़ या तनों के पार्श्व (lateral) भाग में पाये जाते हैं।और इनमे विभाजन केवल अरीय (radial) दिशा में होता है जिसके फलस्वरूप द्वितीयक ऊतक का निर्माण होता है।

➤ कोशिकाओं में विभाजन के फलस्वरूप जड़ और तना मोटाई में बढ़ते है। एधा (cambium) तथा कार्क एधा (cork cambium) पार्श्व विभज्या के उदाहरण है।इनके विभाजन से द्वितीयक वृद्धि (secondary growth) होती है।

अन्तर्वेशी अथवा अन्तिर्विष्ट विभज्या (intercalary meristem)

➤ वास्तव में यह शीर्षस्थ विभज्या का ही छूटा हुआ भाग है।

➤ जड़ तथा तनों की लम्बाई में वृद्धि के कारण यह शीर्षस्थ विभज्या से अलग हो जाता है तथा स्थाई ऊतकों (permanent tissues) में परिवर्तित नहीं होता।

➤इस प्रकार अन्तर्विष्ट विभज्या का भाग स्थाई ऊतकों के बीच-बीच में पाया जाता है। दूब घास के पर्वो (internodes), पोदीना में पर्वसन्धियों (nodes) के नीचे तथा अन्दर पाया जाता है।

इस ऊतक के द्वारा पौधों के भागों की लम्बाई में वृद्धि होती है।

स्थायी ऊतक / Permanent Tissue in hindi

Tissue in hindi

➤ विभज्योतकी ऊतकों (meristematic tissues) के विभाजन तथा विभेदन (differentiation) के फलस्वरूप स्थायी ऊतकों का निर्माण होता है।

➤ विभाजन की क्षमता पूर्ण रूप से या कुछ समय के लिए इन उत्तको मे रुक जाती है । इनकी कोशिकाएँ मृत अथवा जीवित, पतली या मोटी भित्ति वाली होती हैं।

स्थायी ऊतक तीन प्रकार के होते हैं।

1.साधारण ऊतक /Simple tissue

2.जटिल उत्तक / complex tissue

3.विशिष्ट उत्तक / special tissue

साधारण ऊतक (Simple tissue) in hindi

पेरनकाइमा साधारणतया जीवित तथा पौधे के कोमल भागों में पायी जाती है। इनका मुख्य कार्य मण्ड, प्रोटीन तथा वसा आदि खाद्य पदार्थो का संचय हैं।

कोलेनकाइमा ऊतक पौधे में तनन-सामर्थ्य (tensile strength) प्रदान करती हैं।

दृढ़ कोशाएँ (stone cells) अखरोट, नारियल तथा लेग्यूमिनोसी कुल के बीजों के ऊपर यही कोशाएँ कठोर बीजावरण (hard seed coat) का निर्माण करती हैं।

➤नाशपाती खाने में कठोरता का अनुभव इसके गूदे में उपस्थित दृढ़ कोशाओं के कारण ही होता है

जटिल उत्तक / complex tissue in hindi

➤ यह उत्तक कोशिकाओं का वह समूह होता है जिसमे एक से अधिक कोशिकाएं मिलकर एक इकाई की तरह काम करती है जैसे जाइलम और फ्लोएम

जाइलम (Xylem):- यह जल संवाहक ऊतक (water conne tissue) भी कहलाता है।

इसका प्रमुख कार्य जड़ों द्वारा अवशोषित जल तथा खनिज लवणों को पौधे के विभिन्न भागों तक पहुंचाना है। इसके निर्माण में चार प्रकार की कोशिकायें भाग लेती हैं।

1.वाहिनिकाएँ (Tracheids)

2.वाहिकाएँ (Vessels)

3.काष्ठ-मृदूतक (Wood Parenchyma)

4.काष्ठ-तनु (wood fibres)

फ्लोएम (Phloem) :- इसका प्रमुख कार्य पौधे के हरे भागों में निर्मित भोज्य पदार्थों को दूसरे भागों में स्थानान्तरित करना है।

इस ऊतक को बास्ट (Bast) कहते हैं। इसके निर्माण में चार प्रकार की कोशिकायें भाग लेती हैं।

1. चालनी अवयव (Sieve elements)

2.सखि कोशिकाएं (Companion cells)

3.फ्लोएम मृदूतक (Phloem Parenchyma)

4.फ्लोएम फाइबर (Phloem fiber)

विशिष्ट उत्तक / special tissue in hindi

इस प्रकार के उत्तक पौधों मैं विशेष प्रकार का काम करते है जैसे – गोंद , रेजिन ,तेल लेटेक्स आदि के विशिष्ट उत्तक

परीक्षा दृष्टि से महत्वपूर्ण / Important for exam

 ऊतकों का अध्ययन जीव विज्ञान की किस शाखा में किया जाता है।
औतिकी (Histology)

 Father of Histology किसे कहा जाता है?
मारसेलों मैल्पीधी को

 पौधों के लम्बाई में वृद्धि किस ऊतक द्वारा होती है?
शीर्षस्थ विभज्योतक (Apical Meristem)

 कैम्बियम तथा कार्क कैम्बियम किस प्रकार के ऊतक के उदाहरण हैं?
पाशवीय विभज्या के (Lateral Meristem)

 द्वतीयक वृद्धि (Secondary growth) किसके विभाजन से होता है?
कैम्बियम तथा कार्क कैम्बियम के विभाजन से

 चालनी नलिकायें (Sievetube) कहाँ पायी जाती हैं?
फ्लोएम में

 पौधों में भोज्य पदार्थ किस ऊतक में एकत्र होते हैं?
मृदूतक में (पैरनकाइया)

 सवहन बंडल का उदगम होता है ?
रम्भजन (Plerome)

इस भाग मे हमने पादप उत्तक/ plant tissue और उसके प्रकार जैसे विभज्योतिकी उत्तक और स्थायी उत्तक इनके प्रकार , जाइलम / फ्लोएम के बारे मै चर्चा की और अगले भाग मे हम जंतु उत्तक/Animal tissue और इसके विभिन्न भागों के बारे मै चर्चा करेंगे

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