चंद्रयान 3 ( chandrayan-3 ) facts -questions -
Uncategorized

चंद्रयान 3 ( chandrayan-3 ) facts -questions

चंद्रयान 3 ( chandrayan-3 ) facts -questions यह टॉपिक आपके आपके आने वाले exams के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगा इस टॉपिक से किसी भी प्रतियोगी एग्जाम मैं questions के आने की पूरी सम्भावना है अतः आप नीचे दिए गए आर्टिकल को ध्यान पूर्वक पड़े ।

चंद्र मिशन का इतिहास (History of lunar mission)

➤ 1959 में सोवियत संघ का लूना (Luna) 1 और 2 चंद्रमा पर जाने वाला पहला मानवरहित रोवर बन गया ।

➤ अमेरिका वर्ष 1961 से वर्ष 1968 के बीच तीन रोबोटिक मिशन भेजे – ।

20 जुलाई, 1969 को अमेरिका के अपोलो 11 मिशन के तहत नील आर्मस्ट्रांग (Neil Armstrong) वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने चंद्रमा पर अपना पहला कदम रखा और कहा की “यह मनुष्य के लिये एक छोटा कदम है, मानव जाति के लिये एक विशाल छलांग है” ।

अपोलो 11 मिशन

➤ वर्ष 1969 से लेकर 1972 तक 12 अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर पहुँचे ।

➤ संयुक्त राज्य अमेरिका के अलावा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, जापान, चीन और भारत ने चंद्रमा का अन्वेषण करने के लिये मिशन भेजे हैं।

➤ चीन ने वर्ष 2019 में पहली बार चंद्रमा के सबसे दूर की सतह पर दो रोवर उतारे ।

इसरो के चंद्र अन्वेषण प्रयास

चंद्रयान-1,

चंद्रयान-1, चंद्रमा के लिए भारत का पहला मिशन, 22 अक्टूबर 2008 को भेजा

➤ लॉन्च – सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र

➤ प्रमोचन वाहन: PSLV-C11

निष्कर्ष

➤ चंद्रमा पर जल की उपस्थिति की पुष्टि ।

➤ प्राचीन चंद्र लावा प्रवाह द्वारा निर्मित चंद्र गुफाओं के साक्ष्य ।

➤ चंद्रमा की सतह पर दरार और भ्रंश ।

चंद्रयान 3 ( chandrayan-3 ) facts -questions

चंद्रयान 2

उद्देश्य :
➤ स्थलाकृति, भूकंप विज्ञान, खनिज पहचान और वितरण, सतह रासायनिक संरचना, शीर्ष मिट्टी की थर्मो-भौतिक विशेषताओं को जानना

आंशिक विफल
➤ विक्रम लैंडर के उतरते समय 2.1 किमी की ऊंचाई तक सामान्य प्रदर्शन देखा गया
➤ इसके बाद लैंडर से ग्राउंड स्टेशन से संपर्क टूट गया

चंद्रयान 3 ( chandrayan-3 ) facts -questions

चंद्रयान 3

चंद्रयान 3 ( chandrayan-3 ) facts -questions
चंद्रयान 3 ( chandrayan-3 ) facts -questions

चंद्रयान-2 मिशन का फॉलो-ऑन मिशन है
➤ चंद्रयान-3 के तीन प्रमुख हिस्से हैं (मॉड्यूल)
1- उड़ाने वाला हिस्सा – प्रोपल्शन मॉड्यूल
2- उतारने वाला हिस्सा – लैंडर मॉड्यूल
3- घूमने घुमाने और जानकारी जुटाने वाला हिस्सा – रोवर

➤ ऑर्बिटर – इस बार नहीं भेजा गया

चंद्रयान -3 मिशन का उद्देश्य
➤ चांद की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग
➤ चांद पर साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट
➤ रोवर का चंद्रमा पर घूमना

पृथ्वी की 5 से 6 परिक्रमा करेगा चंद्रयान-3

प्रक्षेपण के बाद चंद्रयान- 3 पृथ्वी को 5 से 6 दीर्घ वृत्ताकार परिक्रमाएं करेगा। इस दौरान यह पृथ्वी से 170 किमी तक निकट और 36,500 किमी तक दूर जाएगा। इससे वह वेग हासिल करेगा जी उसे अगले करीब 1 महीने की यात्रा के लिए जरूरी है। वह चंद्रमा की 100 किमी ऊंची कक्षा तक पहुंचेगा चंद्रमा पर भी दीर्घ वृत्ताकार परिक्रमाएं करने के बाद एक निधारित स्थिति हासिल करेगा। इसके बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की प्रक्रिया शुरू करेगा

रोचक तथ्य
➤ प्रक्षेपण 14 जुलाई को ही क्यों?
साल के इस समय पृथ्वी व चंद्रमा बाकी समय की तुलना में करीब होंगे। चंद्रयान-2 भी इसी वजह से 22 जुलाई 2019 को प्रक्षेपित हुआ था

➤ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ही क्यों उतर रहा चंद्रयान-3
भारत के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को उतारने का निर्णय लिया है क्योंकि यहां उत्तरी ध्रुव के मुकाबले पानी मिलने की ज्यादा संभावना है।

मिशन 10 चरणों में बंटा
➤ पहला चरण पृथ्वी आधारित है। इसमें प्रक्षेपण पूर्व तैयारियां, प्रक्षेपण व उदय और पृथ्वी से जुड़े यान का स्थान परिवर्तन होंगे

➤ दूसरा चरण चंद्रमा की ओर स्थानांतरण का है। इसमें चंद्रमा के प्रक्षेप पथ की ओर यान का स्थानांतरण होगा।

➤ अगले सात चरण चंद्रमा आधारित हैं। इनमें चंद्रमा के परिक्रमा पथ में प्रवेश (एलओआई), चंद्रमा से जुड़ा पान का स्थान परिवर्तन, पीएम मुद्दा और चंद्रमा पर उतारने को बनाए मॉडल का मानव अलग होना, डी- बूस्ट पानी मॉडल की गति के पटाना, प्रो-लैंडिंग, सेटिंग, लैडर व रोवर के सामान्य चरण शामिल है।

➤ दसवा और आखिरी चरण प्रोपल्शन मॉड्यूल द्वारा चंद्रमा आधारित सामान्य परिक्रमा का है। उल्लेखनीय है कि इस मिशन में ऑर्बिटर नहीं भेजा गया है, लेकिन पीएम चंद्रमा से 100 किमी ऊंचाई पर एक कक्षा में रह कर अपने उपकरण शेप (स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लेनेटरी अर्थ ) से हमारी पृथ्यों का पर्यवेक्षण करेगा उसी तरह जैसे हम पृथ्वी से दूसरे ग्रहों को देखते हैं। इससे जो डाटा मिलेगा वह हमें पृथ्वी और दूसरे ग्रहों के अध्ययन के और लिए नये अनुभव देगा। ऐसे ग्रहों की पहचान में मदद मिल सकेगी जहां जीवन संभव है।

महत्वपूर्ण प्रश्न

➤ मिशन चंदयान – 3 को कब लांच किया गया ? – 14 जुलाई 2023
➤ मिशन चंद्रयान -3 को कहां से लॉन्च किया गया है ? – सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (श्री हरिकोटा))
➤ चंद्रयान -3 को कहाँ पर लैंड करना है ? – चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर
➤ चंद्रयान- 3 को किस रॉकेट से लॉन्च किया गया है ? – LVM3-M4
➤ चंद्रयान- 3 के लिए प्रमुख रॉकेट इंजन का क्या नाम है ? – CE-20 क्रायोजेनिक इंजन
➤ मिशन चंद्रयान 3 की थीम क्या है ? – Science of the Moon
➤ चंद्रयान-3 में कितने मॉड्यूल है ? – 3
➤ मिशन चंद्रयान 3 के लैंडर का क्या नाम रखा गया है ?-विक्रम
➤ मिशन चंद्रयान 3 के रोवर का क्या नाम रखा गया है ? – प्रज्ञान
➤ चंद्रयान 3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग के बाद भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचने वाला कौनसा देश बन जाएगा ? – पहला


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
error:
Open chat
"Welcome to alggyan.in. Feel free to message us for any information you need."