दिमाग अथवा मस्तिष्क को तेज और स्वस्थ करने वाले योगासन

हमारे तन और मन के स्वास्थ्य के लिए योग फायदेमंद है। अगर आप चाहते हैं कि आपका दिमाग(brain) या मस्तिष्क स्वस्थ रहे और और तेज हो और ब्रेन ट्यूमर का खतरा ना हो और किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो तो आपको कुछ योग(आसन) करने चाहिए। जिस तरह शरीर के स्वास्थ्य के लिए खाना बेहद जरूरी है,

दिमाग(brain) स्वस्थ और तेज

उसी तरह से दिमाग(brain) के स्वास्थ्य और तेजी के लिए योग जरूरी है। आप योग, आसन और प्राणायाम के जरिए अपने दिमाग की क्षमता और एकाग्रता को बढ़ा सकते हैं और इन योग के जरिए ब्रेन ट्यूमर और अन्य प्रकार के खतरे को भी कम कर सकते है।आपको इसे अपनी दैनिक दिनचर्या मैं शामिल करना चाहिये। तो आइए जानते हैं दिमाग के स्वास्थ्य के लिए और इसे तेज करने के लिए कौन-से योग जरूरी हैं
इससे पहले आइये थोड़ा सा अपने दिमाग (brain) के बारे मैं जान ले।

मानव मस्तिष्क(brain) या दिमाग को जाने

  • हमारा दिमाग(brain) या मस्तिष्क खोपड़ी से घिरी हुई एक बेलनाकार रचना होती है
  • दिमाग(brain) या मस्तिष्क के कार्य का पता EEG(electro encephalo graphy) के द्वारा लगाया जाता है।
  • हमारे दिमाग(brain) का वजन लगभग 1400 ग्राम तक होता है।
  • हमारे दिमाग मैं 75% तक पानी होता है।

मानव मस्तिष्क(brain) या दिमाग के प्रकार

हमारा दिमाग(brain) तीन भागो मैं बटा होता है ।

  1. अग्रमस्तिष्क अथवा दिमाग के आगे वाला हिस्सा
  2. मध्यमस्तिष्क अथवा दिमाग केबीच वाला वाला हिस्सा
  3. पस्चमस्तिष्क अथवा दिमाग के पीछे वाला हिस्सा

अग्रमस्तिष्क अथवा दिमाग के आगे वाला हिस्सा

यह भी कही भागो मैं बटा होता है ।

सेरीब्रम -दिमाग का सबसे बड़ा हिस्सा होता है और सबसे विकसित हिस्सा है। यह बुद्धि , स्मृति, इच्छा-शक्ति, ज्ञान वाणी और चिंता का केंद्र है। ज्ञानेन्द्रियो से प्राप्त प्रेरणा का इसमे समन्वय होता है।

थैलमस– यह दर्द , ठंडा तथा गर्म को पहचानने का कार्य करता है।

हाइपोथैलमस– यह अंत-स्रावी ग्रंथियों से निकलने वाले हार्मोन का नियंत्रण करता है । यह भूख, प्यास, ताप नियंत्रण, प्यार, नफरत आदि का केंद्र होता है। रक्त दाब , पसीना,गुस्सा,खुशी आदि यही नियंत्रित करता है।

मध्यमस्तिष्क अथवा दिमाग के आगे वाला हिस्सा

यह भी 2 भागो मैं बटा होता है ।

कॉर्पोरा क्वाड्रिजेमिना के कार्य– यह दृष्टि तथा श्रवण शक्ति के नियंत्रण का केंद्र है।

सेरिब्रल पेंडिकल के कार्य – इसे क्रूरा सेरीब्री भी कहते है यह दिमाग के अन्य भागों को मेरीरज्जु(spinal cord) से जोड़ता है।

पस्चमस्तिष्क अथवा दिमाग के आगे वाला हिस्सा

यह भी 2 भागो मैं बटा होता है ।

सेरीबेलम के कार्य- यह शरीर का संतुलन बनाये रखता है।यह आंतरिक कान के संतुलन भाग से संवेदनाये ग्रहण करता है।

मेड्यूला ओबॉंगाटा- यह दिमाग(brain) के सबसे पीछे का भाग होता है।
इसका कार्य उपापचय ,रक्त दाब, दिल की धड़कनों तथा साँस को नियंत्रण करना है।

दिमाग(Brain) को तेज और स्वस्थ रखने वाले योगासन

व्रजासन

दिमाग(brain) स्वस्थ और तेज

वज्रासन करने का तरीका

  • सबसे पहले आप घुटनों के बल जमीन पर बैठ जाएं।
  • इस दौरान अपने दोनों पैरों के अंगुठों को साथ में मिलाएं और एड़ियों को अलग रखें
  • अब आप अपने नितंबों को एड़ियों पर टिकाएं।
  • अब अपनी हथेलियां को घुटनों पर रख दें।
  • अपने दोनों घुटनों को आपस में मिलाकर रखें।
  • अब अपनी आँखों को बंद कर लें और सामान्य गति से सांस लेते रहें।
  • इस अवस्था में आप 5 से 10 मिनट तक बैठने की कोशिश करें।

व्रजासन करते समय सावधानी

  • यूं तो व्रजासन पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन अगर आप इस आसन को पहली बार शरू कर रहे है तो आपको नीचे बताई गई बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
  • अगर आपके घुटनों में समस्या है या हाल ही में घुटने की सर्जरी हुई है, तो यह आसन करने से बचें।
  • गर्भवती महिलाएं इस आसन को करते हुए अपने घुटनों में थोड़ा अंतर बनाकर रखें, ताकि पेट पर दबाव न पड़े।
  • अगर आपको रीढ़ की हड्डी में किसी तरह की भी समस्या है, तो इस आसन को करने से बचें। खासतौर पर, अगर आपके रीढ़ के जोड़ में कोई परेशानी है, तो वज्रासन न करें।
  • जो लोग हर्निया, आंतों के अल्सर और छोटी बड़ी आंतों में किसी तरह की समस्या से पीड़ित हैं, तो आप डॉक्टर की निगरानी में रहकर ही यह आसन करें।

व्रजासन के लाभ

  • नियमित रूप से वज्रासन करने से आपका पाचन ठीक रहता है और कब्ज की समस्या दूर होती है।
  • बेहतर पाचन होने से एसिडिटी और अल्सर की समस्या से बचाव होता है।
  • यह आसन पीठ को मजबूत करता है और पीठ के निचले हिस्से की समस्या और साइटिका की समस्या से राहत दिलाता है।
  • यह श्रोणि मांसपेशियों को भी मजबूत करता है।
  • यह प्रसव पीड़ा को कम करने में मदद करता है और मासिक धर्म की ऐंठन को भी कम करता है।
  • ध्यान लगाने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ आसनों में से एक है और दिमाग को स्वस्थ और तेज रखता है।

भ्रमण प्राणायाम

दिमाग(brain) स्वस्थ और तेज

भ्रमण प्राणायाम करने का तरीका

  • भ्रमण प्राणायाम करते हुए अपने शरीर को सीधा रखें और सांस को धीरे-धीरे से लें।
  • सांस को लेते समय मन में 1 से 3 तक की गिनती करें और सांस पूरी लेने के बाद सांस छोड़ें
  • अपने मन के अंदर संख्या की गिनती करे।
  • इस क्रिया में पहले चलते हुए सांस को 4 से 5 कदम तक रोक कर रखें और फिर छोड़ें।
  • इसके बाद धीरे-धीरे सांस रोकने की क्षमता को बढ़ाते हुए 10 से 15 बार तक करें।
  • शुरूआत में इस क्रिया का अभ्‍यास आघे घंटे तक कीजिए।
  • यानी टहलने की शुरुआत में 2 मिनट, बीच में 2 मिनट और अंत में 2 मिनट तक अभ्यास करें।
  • इसके बाद समय को बढ़ाते हुए 4-4 मिनट पर 3 बार करें।

सावधानी बरतें

  • सांस लेने व छोड़ने की प्रक्रिया को जल्दबाजी मैं ना करे अपितु सामान्य रूप से करें।
  • इसका अभ्यास अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही करे।
  • इस प्राणायाम के अभ्यास के दौरान यदि सीने के बाईं ओर जरा सा भी दर्द महसूस हो तो समझ लेना चाहिए कि अभ्यास आपकी शारीरिक क्षमता से अधिक हो रहा है।
  • ऐसी स्थिति में आप कुछ समय तक अभ्यास बंद करके आराम करें और ठीक होने के बाद दुबारा इसे शुरू करें।

भ्रमण प्राणायाम के फायदे

  • इसके अभ्यास से दिमाग की तेजी के साथ फेफड़ों में मजबूती आती है।
  • इसका अभ्यास रोजाना करने से तपेदिक, टीबी , सांस संबंधी बीमारिया , टायफाइड, इन्फ्लूएंजा जैसे रोगों से बचाने मैं मदद करता है।
  • इसका रोजाना अभ्‍यास करने से ह्रदय मजबूत होता है और दिल का दौरा पड़ने की संभावना को भी काफी हद तक कम करता है।
  • इससे शारीरिक कमजोरी दूर होती है।
  • इसके अभ्यास से बालों के सभी रोग भी खत्म होते हैं।

ताड़ासन

दिमाग(brain) स्वस्थ और तेज

ताड़ासन करने का तरीका

  • ताड़ासन के लिए आप सबसे पहले खड़े हो जाए और कमर एवं गर्दन को सीधा रखें।
  • अब आप अपने हाथो को सिर के ऊपर तक ले जाये और सांस लेते हुए धीरे से अपने पुरे शरीर को ऊपर की ओरखींचें।
  • खिंचाव को अपने पाँव की अंगुलियो से लेकर हाथ की अंगुलियों तक महसूस कीजिये।
  • इस अवस्था को कुछ समय के लिए बनाये रखें ओर सांस ले सांस छोड़े।
  • फिर सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे अपने हाथ एवं शरीर को पहली अवस्था में लेकर आयें।
  • इस तरह से एक चक्र पूरा हुआ।
  • कम से कम इसे तीन से चार बार प्रैक्टिस करें।

ताड़ासन करते हुए सावधानियां

  • अगर आपके घुटने मैं दर्द है तो ताड़ासन करने से बचे।
  • गर्भवती महिलाओं को ये आसान नही करना चाहिए।
  • अगर आपके सर मैं दर्द है उस समय भी यह आसन करने से बचे।
  • अगर ब्लड प्रेशर कम या ज्यादा हो तभी भी यह आसन करने से बचे।
  • ताड़ासन सीखने के दौरान अपने उंगलियों पर ज्यादा जोर ना दे।

ताड़ासन करने के फायदे

  • ताड़ासन वजनकम करने मैं सहायक होता है।
  • हाइट बढ़ाने के लिए भी ताड़ासन किया जा सकता है।
  • अगर आपके पीठ मैं दर्द रहती है तो भी ताड़ासन कर सकते हो।
  • घुटनो के दर्द से भी राहत दिलाता है।
  • दिमाग के एकाग्रता और संतुलन के लिए भी यह सहायक है औरदिमाग को स्वस्थ और तेज रखता है
  • ताड़ासन आपको पैरो की मजबूती देता है।
  • अगर आपके नशो और माँसपेशियों मैं दर्द रहता है तो भी आपको यह फायदा दिलाता है।

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