रूस के दावे के बाद पूरी दुनिया में चर्चा शुरू हो गई है. हर किसी को कोरोना वैक्सीन का इंतजार था. ऐसे में सवाल ये भी है कि क्या दुनिया कोरोना के खिलाफ इस वैक्सीन का इस्तेमाल करेगी. साथ ही ये भी रूस इस वैक्सीन को कैसे आगे बढ़ाएगा.
- रूस ने किया कोरोना वैक्सीन का दावा
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी वैक्सीन को मंजूरी
- राष्ट्रपति पुतिन की बेटी को दी गई डोज
1.रूस के दावे के बाद पूरी दुनिया में चर्चा शुरू हो गई है. हर किसी को वैक्सीन का इंतजार था. ऐसे में सवाल ये भी है कि क्या WHO इस वैक्सीन को मंजूरी देगा. अगर देगा तो कैसे इस वैक्सीन को आगे बढ़ाया जाएगा. क्या भारत में ये वैक्सीन लाई जाएगी? इन तमाम सवालों के जवाब से पहले 10 प्वाइंट में आपको समझाते हैं वैक्सीन से जुड़ी अहम बातें…
2.रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने 11 अगस्त को टीवी की जरिये कोरोना वैक्सीन बनाने की जानकारी दी.उन्होंने कहाँ की उनके देश ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बना ली है. दो महीने के human trial के बाद रूस ने इस वैक्सीन को मंजूरी दी।
3.इस वैक्सीन का नाम SPUTNIK V ये दुनिया की पहली सेटेलाइट का नाम भी था जिसे सोवियत संघ ने 1957 मैं लॉन्च किया था
4.पुतिन ने बताया कि उन्होंने वैक्सीन के पहले इस्तेमाल के लिए अपनी बेटी को चुना.पुतिन की दो बेटियां है उनमें से एक को हल्का बुखार था कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें इस वैक्सीन की पहली डोज़ दी गयी इससे उनकी बेटी की हालत मैं काफी सुधार हुआ और एक दिन मैं बुखार कम हो गया।
5.रूस के गामालेया नेशनल सेन्टर ने मिलकर इस वैक्सीन को बनाया इसके लिए एक अलग वायरस अडेनोवायरस का इस्तेमाल किया गया ।
6.रूस के रक्षा मंत्रालय और गामालेया नेशनल सेंटर ने मिलकर इस वैक्सीन को बनाया इसके ट्रॉयल मैं 100% सफल होने का दावा किया गया.इस ट्रॉयल मैं 38 वालेंटियर्स शामिल हुए थे और ट्रॉयल के दौरान वायरस के खिलाफ इनमे इम्युनिटी विकसित हुई थी।
7- RDIF (Russian Direct Investment Fund) के चीफ किरिल दिमित्री ने कहा है कि रूस के पास पहले ही 20 से ज्यादा देशों से इस वैक्सीन की करीब 1 बिलियन डोज की डिमांड आ चुकी है. बताया जा रहा है कि वैक्सीन का बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन सितंबर महीने से शुरू हो जाएगा जो अक्टूबर में और ज्यादा बढ़ा दिया जाएगा.
8- हैरानी की बात ये है कि वैक्सीन पर फेज-3 का ट्रायल शुरू होने से पहले ही रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे मंजूरी दे दी है. बता दें कि फेज-3 के ट्रायल में बड़ी संख्या में लोगों पर ट्रायल किया जाता है. आमतौर पर, इस सफल ट्रायल के बाद ही वैक्सीन को पब्लिक यूज के लिए मंजूरी दी जाती है.
9- वहीं, वैक्सीन का एडवांस क्लीनिकल ट्रायल यानी फेज-3 का ट्रायल 12 अगस्त से शुरू होने जा रहा है. इस ट्रायल में यूएई, सऊदी अरब, फिलीपींस और ब्राजील भी शामिल हो रहे हैं. पहले और दूसरे फेज का ट्रायल 1 अगस्त को पूरा हो गया है. बताया ये भी जा रहा है कि इस बीच ये वैक्सीन बड़ी संख्या में वॉलंटियर्स को दी जाएगी. रूस प्रशासन ने ये भी कहा है कि मेडिकल स्टाफ, टीचर्स जैसे लोग जो ज्यादा रिस्क पर हैं उन्हें सबसे पहले ये वैक्सीन दी जाएगी.
10- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में होने की बात कही है. रूस के साथ WHO अप्रूवल पर चर्चा कर रहा है. WHO ने पहले कहा था कि अगर किसी वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किए बगैर ही उसके उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी कर दिया जाता है, तो ये बहुत खतरनाक कदम साबित हो सकता है.
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