हृदय रोग( Heart disease) के कारण,लक्षण, प्रकार और घरेलु उपाय cause & symptoms

मनुष्य का हृदय हाथ की मुट्ठी के आकार का शंक्वाकार(conical) पेशीय अंग है,जो फेफड़ो के बीच कुछ बायीं ओर स्थित होता है।यह एक झिल्ली नुमा थैली से सुरक्षित रहता है जिसे हम ह्रदयावरण (pericardial membrane ) कहते है।इस थैली मैं हदयावरण द्रव्य भरा होता है । जो बाहरी आघातों से हदय की रक्षा करता है। इस लेख के द्वारा हमने आपको हदय और हदय रोग( Heart disease) की पूरी जानकारी देने की कोशिश की है ।

हृदय रोग
हृदय

हृदय के भाग(Parts of heart)

हृदय चार कोष्ठको मैं बंटा होता है


दाँया आलिंद और दाँया निलय जिनमे अशुद्ध रक्त(खून) बहता है।

बायाँ आलिंद और बायाँ निलय जिनमे शद्ध रक्त(खून) बहता है।

हृदय के बारे मैं रोचक तथ्य(Facts about Heart)

  • एक मिनट मैं हृदय 5-6 लीटर शद्ध रक्त शरीर मे प्रवाहित करता है।
  • मनुष्य का हृदय (Heart) 12 सेमी लंबा ,9 सेमी चौड़ा,6 सेमी मोटा होता है,तथा इसका वजन लगभग 300 ग्राम होता है।
  • हृदय(heart) केवल रक्त को पंप करता है ना कि शुद्ध करता है।रक्त का शुद्धिकरण फेफड़ो मैं होता है।
  • सामान्य अवस्था मैं मनुष्य का हृदय एक मिनट मैं 72 बार धड़कता है तथा एक धड़कन मैं लगभग 70 मिली रक्त पंप करता है।

हृदय रोग कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Heart Disease)

हृदय रोग
हृदय रोग( Heart disease)

कोरोनरी आर्टरी डिजीज- यह हृदय रोग का सामान्य प्रकार है, जिसे आम भाषा में कोरोनरी धमनी रोग के नाम से जाना जाता है।

दिल का दौरा (Heart Attack) – यह सबसे जान-मानी बीमारी है, जिससे अधिकांश लोग पीड़ित होते हैं।

दिल का खराब (Heart Failure) होना– जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह ऐसी दिल की बीमारी है, जिसमें दिल सही तरह से काम करना बंद कर देता है।

दिल की धड़कनों का अनियमित रूप से चलना– कई बार दिल की धड़कने धीमे या फिर तेज़ गति से चलने लगती है, इसे भी दिल की बीमारी के रूप में परिभाषित किया जाता है।

हृदय रोग के कारण (Causes of Heart Disease)

उच्च रक्तचाप- जिस व्यक्ति को उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) की समस्या होती है, उसे दिल की बीमारी हो सकती है।

अधिक वजन होना– दिल की बीमारी उस व्यक्ति को भी हो सकती है, जिसका अधिक वजन होता है।

ध्रूमपान करना– यदि आप ध्रूमपान करते हैं, तो आपको दिल की बीमारी हो सकती है।

डायबिटीज का होना- जो व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित होता है, उसे ह्रदय रोग होने की संभावना अधिक होती है।

तनाव का होना– दिल की बीमारी का मुख्य रूप कारण अधिक मात्रा में तनाव लेना है। इसी कारण जितना हो सके उतना तनाव से बचना चाहिए

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हृदय रोग के लक्षण(Symptoms of heart disease)

दिल की बीमारी(हदय रोग)के शुरुआती लक्षणों को शुरुवात मैं जान लिया जाए तो गंभीर दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है।

छाती में बेचैनी होना: यदि आपकी आर्टरी ब्लॉक है तो आपको छाती में दबाव महसूस होगा और दर्द के साथ साथ ही खिंचाव महसूस होगा।

मतली आना ,हार्टबर्न और पेट में दर्द होना: दिल संबंधी कोई भी गंभीर समस्या होने से पहले कुछ लोगों को मितली आना, सीने में जलन, पेट में दर्द होना या फिर पाचन संबंधी दिक्कतें आने लगती हैं।

हाथों में दर्द होना: कई बार दिल के रोगी को छाती और बाएं कंधे में दर्द की शिकायत होने लगती है। ये दर्द धीरे-धीरे हाथों की तरफ नीचे की ओर जाने लगता है।

अधिक समय तक कफ होना: आपको यदि काफी समय से खांसी-जुकाम हो रहा है और थूक सफेद या गुलाबी आ रहा है तो ये हार्ट फेल का एक लक्षण है।

पसीना आना: सामान्य मात्रा से अधिक पसीना आना वो भी बिना किसी शारीरिक क्रिया किये तो एक चेतावनी हो सकती है।

सांस लेने में दिक्कत: सांस लेने में यदि दिक्कत का सामना करना पड़ता है या फिर कम सांस का आना हार्ट फेल होने का बड़ा लक्षण है।

हृदय रोग के घरेलु नुस्खे( Home remedies for heart disease )

मुलहठी और पानी
मुलहठी का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में गर्म पानी के साथ लेने पर हृदय रोग में काफी लाभ होता है |

चना
हृदय रोगियों को काले चने उबलवाकर खाने के लिए चाहिए |

अर्जुन वृक्ष, दूध, शकर और गुड़
अर्जुन वृक्ष की छाल सुखाकर चूर्ण बना लें | इसमें से 10 ग्राम चूर्ण दूध में डालकर उबालें | फिर इस दूध में शकर की जगह गुड़ सहित सेवन करें |

शहद
शहद का अधिक प्रयोग करने से हृदय बलली बनता है और खून के विकारों को विराम मिलता है | इससे हृदय रोग धीरे-धीरे दूर हो जाता है

अजवाईन, पानी और सेंधा नमक
एक चम्मच अजवायन को एक कप पानी में डालकर औटिंग के लिए रख दें | जब पानी जलकर आधा कप रह जाए तो छानकर एक चुटकी सेंधा नमक सहित रात को सहता-सहता पिएं |

अनार
अनार का शरबत पीते रहने से हृदय रोग कम होता जाता है |

सोंठ और चीनी
हृदय रोग में फालसे के रस में सोंठ और चीनी मिलाकर पीना चाहिए

बैंगन
बैंगन को तोड़नेकर उसका चार चम्मच रस नित्य प्याऊँ | बैंगन की सब्जी दिल के लिए बहुत लाभदायक है |

बेल, घी और शहद
बेल के ताजे पत्तों को पीसकर चटनी बना लें | फिर इसमें घी और थोड़ा सा शहद मिलाकर लगभग 40 दिन तक सेवन करें |

तुलसी
गले में तुलसी की माला पहहने से हृदय रोगियों को लाभ होता है |

लहसुन और पानी
लहसुन के चार बूंद रस में पानी मिलाकर किसी दिन नित्य सेवन करें

केला और चूना
पके हुए केले के बीच में जरा-सा खाने वाला चूना रखकर खा रहे हैं | तीन प्रतिबंध नित्य खाने से हृदय को काफी बल मिलता है |

हृदय रोग(heart disease) के जो घरेलू नुस्खे बताये गए है अगर आप इनका नियमित रूप से पालन करते है तो यह आपके लिए काफी लाभदायक साबित होगा ।

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