UTTARAKHAND GK – 3 / उत्तराखंड सामान्य ज्ञान
UTTARAKHAND GK – 3 / उत्तराखंड सामान्य ज्ञान
UTTARAKHAND GK – 3 / उत्तराखंड सामान्य ज्ञान
बाल सभा की स्थापना किसने की?
- a) महात्मा गांधी
- b) जवाहरलाल नेहरू
- c) सत्य प्रसाद रतूडी
- d) सुभाष चंद्र बोस
c) सत्य प्रसाद रतूडी
बाल सभा का मुख्य उद्देश्य क्या था?
- a) बालकों में खेल-कूद की भावना बढ़ाना
- b) बालकों में चरित्र निर्माण व देशभक्ति की भावनाओं को बढावा देना
- c) बालकों में संगीत और नृत्य की शिक्षा देना
- d) बालकों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का ज्ञान बढ़ाना
b) बालकों में चरित्र निर्माण व देशभक्ति की भावनाओं को बढावा देना
कंकोड़ाखाल स्थान पर किस प्रकार की समितियों की स्थापना की गई थी?
- a) शिक्षा समितियाँ
- b) स्वास्थ्य समितियाँ
- c) बेगार विरोधी समितियाँ
- d) सामाजिक सुधार समितियाँ
c) बेगार विरोधी समितियाँ
ककोड़ाखाल आन्दोलन- चमोली तहसील में आन्दोलन की बागडोर अनुसूया प्रसाद बहुगुणा को सौंपी गयी थी। 1921 में नवयुवकों का एक सम्मेलन श्रीनगर गढवाल में आयाजित किया गया। दशजूला पटट्टी के कंकोड़ाखाल स्थान पर बेगार विरोधी समितियों की स्थापना की तथा जनता से किसी भी अधिकारी को बेगार न देने के लिए कहा। सबसे बड़ी जनसभा का आयोजन बैरासकुंड में किया गया, जिसमें लगभग 4,000 ग्रामीण जनता सम्मिलित हुई थी। इसी समय दिसम्बर 1921 में गढ़वाल कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं की दुगड्डा (गढ़वाल) में एक बैठक आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता पुरूषोतम दास टण्डन ने की थी। इस बार भी अन्य बैठकों के भांति कुली बेगार न देने की मांग की गई तथा सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित किया गया। साथ ही असहयोग के अन्तर्गत विदेशी वस्त्रों के बहिष्कार का निर्णय लिया गया और दुगड्डा में विदेशी वस्त्रों की होली जलाई गई।
दिसम्बर 1921 में गढ़वाल कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं की बैठक दुगड्डा में आयोजित की गई थी बैठक की अध्यक्षता किसने की थी?
- a) अनुसूया प्रसाद बहुगुणा
- b) महात्मा गांधी
- c) पुरुषोतम दास टण्डन
- d) जवाहरलाल नेहरू
c) पुरुषोतम दास टण्डन
ककोड़ाखाल आन्दोलन- चमोली तहसील में आन्दोलन की बागडोर अनुसूया प्रसाद बहुगुणा को सौंपी गयी थी। 1921 में नवयुवकों का एक सम्मेलन श्रीनगर गढवाल में आयाजित किया गया। दशजूला पटट्टी के कंकोड़ाखाल स्थान पर बेगार विरोधी समितियों की स्थापना की तथा जनता से किसी भी अधिकारी को बेगार न देने के लिए कहा। सबसे बड़ी जनसभा का आयोजन बैरासकुंड में किया गया, जिसमें लगभग 4,000 ग्रामीण जनता सम्मिलित हुई थी। इसी समय दिसम्बर 1921 में गढ़वाल कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं की दुगड्डा (गढ़वाल) में एक बैठक आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता पुरूषोतम दास टण्डन ने की थी। इस बार भी अन्य बैठकों के भांति कुली बेगार न देने की मांग की गई तथा सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित किया गया। साथ ही असहयोग के अन्तर्गत विदेशी वस्त्रों के बहिष्कार का निर्णय लिया गया और दुगड्डा में विदेशी वस्त्रों की होली जलाई गई।
जौनसार बावर में बॉट प्रथा का मुख्य उद्देश्य और प्रक्रिया क्या है, और इसमें किस प्रकार का सामाजिक सहयोग शामिल होता है?
- a) धार्मिक उत्सवों का आयोजन और समुदाय की पूजा-पाठ व्यवस्था।
- b) विवाह के लिए आटा, चावल, घी आदि की पारस्परिक सहयोग के रूप में व्यवस्था, जिसे एक रुपया प्रति वस्तु के हिसाब से दिया और वसूल किया जाता है।
- c) व्यापार को बढ़ावा देना, जिसमें व्यापारी एक दूसरे को माल और सेवाएं उधार देते हैं।
- d) बच्चों की शिक्षा के लिए धन और संसाधन एकत्रित करना और स्कूलों में दान करना
विवाह के लिए आटा, चावल, घी आदि की पारस्परिक सहयोग के रूप में व्यवस्था, जिसे एक रुपया प्रति वस्तु के हिसाब से दिया और वसूल किया जाता है।
जौनसार-बावर में पारस्परिक सहयोग के रूप में सामाजिक परम्परा के रूप में विवाह के संदर्भ में आटा, चावल, घी आदि के लिए मात्र निकटस्थ लोगों में एक रुपया प्रतिवस्तु के लिए ‘बांट’ देते हैं। एक रुपये में एक मन आटा, एक मन चावल, पांच से दस किलो घी (सामर्थ्यानुसार) प्रदाता व्यक्ति विवाह की तिथि से एक माह पूर्व विवाह वाले घर में स्वयं जाकर पहुंचा देता है। इस प्रकार विवाह में खपत होने वाली वस्तुओं के हिसाब से एक-एक रुपये बांट देते हैं।
खास पट्टी आंदोलन का नेतृत्व निम्न में से कौन नही कर रहा था ?
- बलवंती देवी
- भगवान सिह बिष्ट
- भरोसा राम
- सदानंद गैरोला