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UTTARAKHAND GK

uttarakhand gk in hindi उत्तराखंड

इंद्रमणि बडोनी जी के संबंध में असत्य कथन को चुने

  • इनका जन्म 24 दिसम्बर 1924 को टिहरी में हुआ
  • इनके जन्म दिवस को लोक संस्कृति दिवस के नाम से जाना जाता है
  • यह उत्तर प्रदेश विधानसभा में 3 बार अल्मोड़ा से चुन कर गए
  • बडोनी जी मीरा बेन के कहने पर सामाजिक कार्य में जुट गए थे

यह उत्तर प्रदेश विधानसभा में 3 बार अल्मोड़ा से चुन कर गए

इन्द्रमणि बडोनी का जन्म 24 दिसम्बर 1924 ई० को टिहरी के जखोली विकासखण्ड के अखोडी गाँव में हुआ था • बडोनी जी के जन्म दिवस को लोक संस्कृति दिवस के नाम से मनाया जाता है • इन्द्रमणि बडोनी के पिता का नाम सुरेशानंद बडोनी था • इन्द्रमणि बडोनी उत्तर प्रदेश विधानसभा में 3 बार देवप्रयाग से चुन के गये यह केदार नृत्य के विशेषज्ञ थे इन्हें उतराखण्ड का गांधी भी कहा जाता है • अगस्त 1994 ई० में इन्द्रमणि बडोनी राज्य की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे • बडोनी जी मीरा बेन के कहने पर सामाजिक कार्यो में जुट गये थे • 1956 में बडोनी जी के नेतृत्व में टिहरी गढ़वाल के ग्रामीण कलाकारों के दल ने लखनऊ में चौंफला नृत्य गीत प्रस्तुत किया

कुमाउँनी और गढ़वाली भाषा की पत्रिका है ?

  • कुमगढ़
  • धाद
  • पहरू
  • आदलि कुशलि

कुमगढ़

उत्तराखंडी भाषाओं की एकमात्र पत्रिका ‘कुमगढ़’ के छह वर्ष पूरे होने पर सातवें जन्मवार अंक का विमोचन राज्य के पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. डॉ पीसी बाराकोटी ने किया। इस अवसर पर ‘कुमगढ़’ पत्रिका के संपादक दामोदर जाशी देवांशु, पूर्व भाषा शिक्षा अधिकारी डॉ. जेसी पंत आदि उपस्थित रहे। डॉ. बाराकोटी ने कुमगढ़ के पाठकों, भाषा प्रेमियों व कुमगढ़ परिवार को बधाई दी। ज्ञातव्य है कि नैनीताल जनपद के पश्चिमी खेड़ा गौलापार से प्रकाशित ‘कुमगढ़’ उत्तराखंड की कुमाउनी, गढ़वाली, जौनसारी, रवांल्टी आदि सभी लोकभाषाओं के विकास एवं संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध एकमात्र लोकभाषओं की मासिक पत्रिका है और विगत 6 वर्षों से अनवरत रूप से प्रकाशित हो रही है। इसमें सभी लोकभाषाओं को सम्मान तो मिल ही रहा है, साथ ही विभिन्न भाषाओं का सम्यक आदान-प्रदान भी हो रहा है।

तौल क्या है ?

  • उत्तराखंड का पारंपरिक वाद्य यंत्र
  • उत्तराखंड का पारंपरिक बर्तन
  • उत्तराखंड का पारंपरिक वस्त्र
  • उत्तराखंड का पारंपरिक आभूषण

उत्तराखंड का पारंपरिक बर्तन

उत्तराखंड में ‘कोटि बनाल शैली’ क्या है ?

  • एक पारम्परिक वस्त्र शैली, जो जौनसार में प्रचलित है।
  • एक विशेष प्रकार की पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि प्रणाली की शैली
  • भूकंप रोधी भवन निर्माण शैली और टिकाऊ मकान की संरचना
  • एक लोक नृत्य की शैली जो विशेष अवसर पर किया जाता है

भूकंप रोधी भवन निर्माण शैली और टिकाऊ मकान की संरचना

उत्तराखंड को भूकंपीय दृष्टि से अति संवेदनशील माना जाता है और धरती की जरा सी हलचल से यहां के लोग सिहर उठते हैं। लेकिन यहां के उत्तरकाशी जिले के राजगढ़ी में एक ऐसा इलाका भी है जहां के लोग ऐसे खतरे से निश्चिंत रह कर आराम से जीवन बसर कर रहे हैं । इस इलाके में पुरातन और पारंपरिक ‘कोटी बनाल’ वास्तुकला शैली से निर्मित मकान कई बड़े भूकंप के बाद भी सीना ताने खड़े हैं। अपनी पुरातनता और अनूठी निर्माण शैली के लिए दुनिया भर में पहचान बना चुके इन बहुमंजिला मकानों पर उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन एवं न्यूनीकरण केंद्र (डीएमएमसी) द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि मकान बनाने की यह निर्माण शैली 1000 साल पुरानी है। यह वास्तुकला स्थान चयन से लेकर मकान निर्माण तक एक वृहद प्रक्रिया पर आधारित है। रोचक बात यह है कि यह शैली आज की आधुनिक भूकंप रोधी तकनीक से भी कहीं ज्यादा मजबूत है। इसके लिए उस जमाने के लोगों ने लकड़ी और पत्थर जैसी स्थानीय निर्माण सामग्री का ज्यादा इस्तेमाल किया। ‘कोटी बनाल वास्तुकला’ शैली का ले आउट बहुत सादा है और इसमें जटिलता नहीं है।

उठो गढ़वालियों किसकी कविता है?

  • सत्य शरण रतूड़ी
  • सत्य प्रकाश रतूड़ी

सत्य शरण रतूड़ी

गढ़वाली पत्र के प्रथम अंक में सत्य शरण रतूड़ी की अमर कविता उठो गढ़वालियों को प्रकाशित किया था गढ़वाली का सम्पादन क्रमशः गिरिजा दत नैथाणी, तारादत गैरोला तथा विश्वभर दत चंदोला ने किया

अकबर द्वारा गंगा के स्रोत का पता लगाने हेतु भेजे गए अन्वेषण दल को किस गढ़वाल शासक ने हरिद्वार में ही रोक लिया था ?

  • मानशाह
  • अजयपाल
  • बलभद्र शाह
  • सहजपाल

सहजपाल

मुगल शासक अकबर आगरा और फतेहपुर सीकरी में निवास करता था, तो उसके पीने के लिए यूपी के सोरों से गंगाजल लाया जाता था। अकबर ने जब लाहौर को राजधानी बना लिया, तो पीने के लिए हरिद्वार से गंगा पानी जाने लगा। दिल्ली और आगरा में ऋषिकेश और हरिद्वार से गंगाजल लाने के लिए कई घुड़सवारों की तैनाती की गई थी। सहजपाल के समय अकबर ने गंगा का स्प्रेत खोजने के लिए एक दल गढ़वाल भेजा था

चंद राजवंश का अंतिम शासक कौन था ?

  • महेंद्र चंद
  • मानवेन्द्र चंद
  • मोहन चंद
  • माणिक चंद

महेंद्र चंद

डोला पालकी की समस्या को सर्वप्रथम महात्मा गांधी के सामने किसने रखा ?

  • जयानंद भारती
  • रमेश चंद्र बहुखंडी
  • सदानंद डबराल
  • उमानंद बर्तवाल

रमेश चंद्र बहुखंडी

प्राचीन समय में तामी किस प्रकार की माप पद्दति थी ?

  • समय मापन
  • द्रव्य मापन
  • धातु मापन
  • भूमि मापन

द्रव्य मापन

गढ़वाल queen के नाम से प्रसिद्ध पर्वत है

  • नंदादेवी पर्वत
  • कामेट पर्वत
  • नीलकंठ पर्वत
  • जय पर्वत

नीलकंठ पर्वत

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